आंदोलन एक सामूहिक संघर्ष है। किंतु "संघर्ष और आंदोलन एक ही चीज़ नहीं है। संघर्ष रोजमर्रा की जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है। वर्गों में बँटे और शोषण पर टिके समाज में व्यक्ति हर रोज अनगिनत रूपों में संघर्ष करते हैं। यह संघर्ष व्यक्ति के सामूहिक या वर्ग संघर्ष का हिस्सा भी होता है। लेकिन, इन सबको आदोलन नहीं कहा जा सकता। आंदोलन, चाहे वह संगठित हो या स्वतःस्फूर्त, संघर्ष के विकास की एक अवस्था है जहाँ संघर्ष का स्वरूप आम हो जाता है; संघर्ष व्यक्तिगत नहीं रह जाता, सामूहिक हो जाता है।
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Life Quotes in Hindi