भारत के संविधान:
भारतीय गणराज्य के सर्वोच्च विधान को संविधान कहा जाता है। संविधान को संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित किया गया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 से भारत में संविधान लागू हुआ था। यह दिवस, भारत में हर साल गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार अधिनियम 1935 को, भारत के संविधान का मूल आधार माना जाता है। हमारा संविधान, दुनिया के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।

भारत के संविधान का संक्षिप्त परिचय
भारत के संविधान में 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं। ये 25 भागों में विभाजित है। हालांकि निर्माण के समय हमारे मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे और उनमें 8 अनुसूचियां थी। हमारे संविधान में भारत के संसदीय स्वरूप की विस्तृत व्यवस्था है। भारत के संविधान की संरचना संघीय है।
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भारत का संविधान, इसकी प्रस्तावना के साथ शुरू होता है। संविधान की प्रस्तावना में इसके आदर्श, उद्देश्य और बुनियादी सिद्धांत शामिल हैं। संविधान की मुख्य विशेषताएं इन उद्देश्यों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विकसित हुई हैं जो प्रस्तावना से प्रवाहित होती हैं।
हमारे संविधान ने देश की आवश्यकता के अनुसार विश्व के अधिकांश प्रमुख संविधानों की सर्वोत्तम विशेषताओं को अपनाया है। हालांकि भारत का संविधान कई देशों से उधार लिया गया है, लेकिन फिर भी हमारे संविधान में कई प्रमुख विशेषताएं हैं जो इसे अन्य देशों के संविधानों से अलग करती हैं।
भारतीय संविधान की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1. लिखित संविधान (Written Constitution):
भारतीय संविधान पूरी तरह से लिखित है और इसमें सभी नियमों, कानूनों और प्रावधानों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। यह संविधान विश्व के सबसे लंबें लिखित संविधानों में से एक है।
2. संघीय ढांचा (Federal Structure):
भारतीय संविधान में संघीय ढांचा है, जिसका अर्थ है कि केंद्र और राज्य सरकारें दोनों अपनी-अपनी शक्तियों का प्रयोग करती हैं। हालांकि, यह एक संघीय ढांचा है, लेकिन भारतीय संविधान में केंद्र का प्रभुत्व अधिक है।
3. संसदीय शासन व्यवस्था (Parliamentary System):
भारत में शासन प्रणाली संसदीय है, जिसमें राष्ट्रपति राज्य प्रमुख होते हैं, लेकिन वास्तविक शक्ति प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के पास होती है। यह प्रणाली ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली पर आधारित है।
4. मौलिक अधिकार (Fundamental Rights):
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है (धारा 12 से 35 तक), जो नागरिकों को स्वतंत्रता, समानता, धर्म, शिक्षा और व्यक्तिगत सुरक्षा प्रदान करते हैं। ये अधिकार न्यायालय द्वारा लागू किए जा सकते हैं।
5. राज्य नीति के निर्देशक तत्व (Directive Principles of State Policy):
संविधान में राज्य नीति के निर्देशक तत्व का उल्लेख किया गया है (धारा 36 से 51 तक), जो सरकार को समाज में आर्थिक और सामाजिक समानता स्थापित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। हालांकि ये तत्व न्यायिक रूप से लागू नहीं हो सकते, लेकिन ये नीति निर्माण में मार्गदर्शक सिद्ध होते हैं।
6. संविधान में संशोधन की प्रक्रिया (Amendment Process):
भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया बेहद लचीली है। संविधान में संशोधन संसद के दोनों सदनों द्वारा दो तिहाई बहुमत से किया जा सकता है। हालांकि कुछ मामलों में राज्य विधानसभाओं से भी सहमति की आवश्यकता होती है।
7. संपूर्णता (Length and Detail):
भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 भाग, और 100 से अधिक संशोधन हैं, जिससे यह अन्य देशों के संविधानों से बहुत विस्तृत और व्यापक है।
8. न्यायपालिका की स्वतंत्रता (Independent Judiciary):
भारतीय संविधान में न्यायपालिका को पूरी तरह से स्वतंत्र रखा गया है। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) और उच्च न्यायालयों (High Courts) को संविधान द्वारा पूरी स्वतंत्रता और सुरक्षा दी गई है। न्यायपालिका सरकार के अन्य अंगों से स्वतंत्र रूप से कार्य करती है।
9. धार्मिक समानता (Secularism):
भारतीय संविधान धर्मनिरपेक्ष है, अर्थात भारत में किसी भी धर्म को विशेष दर्जा नहीं दिया गया है। संविधान के अनुसार, राज्य का उद्देश्य सभी धर्मों के प्रति समान दृष्टिकोण रखना है और सभी धर्मों को समान सम्मान देना है।
10. संविधान की सर्वोच्चता (Supremacy of the Constitution):
भारतीय संविधान सर्वोच्च है और सभी कानून और प्राधिकरणों को इसके अनुरूप होना चाहिए। यदि कोई कानून संविधान के विपरीत है, तो उसे असंवैधानिक माना जाएगा।
11. केंद्र-राज्य के संबंध (Centre-State Relations):
भारतीय संविधान केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों का वितरण करता है। इसमें तीन सूची (केंद्र सूची, राज्य सूची, और समवर्ती सूची) हैं, जो यह निर्धारित करती हैं कि किसे कौन-सी शक्ति दी जानी चाहिए।
12. असाधारण स्थिति (Emergency Provisions):
भारतीय संविधान में आपातकाल की प्रावधान है, जिसके अंतर्गत राष्ट्रपति देश में असाधारण स्थिति घोषित कर सकते हैं, जैसे कि युद्ध, आंतरिक अशांति या प्राकृतिक आपदाओं के समय। आपातकाल की तीन प्रकार की श्रेणियाँ हैं: राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल, और वित्तीय आपातकाल।
13. आधिकारिक भाषा (Official Language):
भारतीय संविधान के अनुसार, हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया गया है, जबकि अंग्रेजी को सहायक भाषा के रूप में उपयोग किया जाता है।
14. संविधान का कार्यान्वयन (Enforcement of the Constitution):
भारतीय संविधान 26 जनवरी, 1950 से लागू हुआ, जिसे हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय संविधान की यह विशेषताएँ इसे एक समृद्ध, विविध और लोकतांत्रिक राष्ट्र बनाने में मदद करती हैं।
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