खूब बहती है गंगा बहने दो
मत फैलाओ देश में दंगा रहने दो
लाल हरे में मत बांटो मुझको
छत पर मेरे एक तिरंगा रहने दो।
आरजू बस यही है
दम निकले तो तेरी बन्दगी में
जय हिंद का नारा हो,
तिरंगा कफ़न हमारा हो।
आरजू बस यही है
मेरी हर सांस देश के नाम हो
जो सिर उठे तो मेरे सामने तिरंगा हो
जो सिर झुके तो वतन को प्रणाम हो।