चारों तरफ फैल रही हैं, इनके प्यार की खुशबू थोड़ी-थोड़ी
चारों तरफ फैल रही हैं, इनके प्यार की खुशबू थोड़ी-थोड़ी
कितनी प्यारी लग रही हैं, साँवरे-गोरी की यह जोड़ी।।
राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
हे कान्हा, तुम्हे पाना जरूरी तो नहीं,
तुम्हारा हो जाना ही काफी हैं मेरे लिए।
राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
बहुत खूबसूरत हैं मेरे ख्यालों की दुनिया,
बस कृष्ण से शुरू और कृष्ण पर ही खत्म।
राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी”.
राधे-राधे जय श्रीकृष्णा
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