तुर्की कंपनी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते समय पाकिस्तानी अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना था कि 'टी-129' लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिलिट्री एविएशन के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होंगे.



 पूर्व ब्रिगेडियर फ़ारूक़ हमीद ने बताया कि पाकिस्तान ने साल 2017 में औपचारिक परीक्षण के बाद तुर्की में बना 'टी-12' हेलीकॉप्टर ख़रीदने का फ़ैसला किया था.

उन्होंने कहा,"इस परीक्षण में चीन और तुर्की दोनों के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया था. जिसके बाद सन 2018 में तुर्की के 'टी-129' हेलीकॉप्टरों को आधिकारिक रूप से ख़रीदने का ऑर्डर दिया गया था."

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तुर्की कंपनी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करते समय पाकिस्तानी अधिकारियों और विशेषज्ञों का मानना था कि 'टी-129' लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिलिट्री एविएशन के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होंगे.

पाकिस्तान ने 30 हेलीकॉप्टरों का ऑर्डर दिया था जिनकी क़ीमत 1.5 अरब डॉलर थी हालांकि तुर्की-अमेरिकी संबंधों के कारण यह सौदा पूरा नहीं हो सका है.

फ़ारूक़ हमीद के मुताबिक़, सन 2020 में अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण इस सौदे में देरी हुई और फिर हाल ही में तुर्की सरकार को आख़िरकार पाकिस्तानी आर्मी एविएशन को इन सौदे को पूरा न कर पाने का संदेश भिजवाना पड़ा.

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