वो कहते हैं, "बीते 15 सालों से चीन की एविएशन तकनीक में अच्छा ख़ासा विकास हुआ है और अब ये उतनी ही अच्छी है जितनी की पश्चिमी तकनीक."






वॉशिंगटन की ओर से तुर्की के हेलीकॉप्टर 'टी-129' पर रोक लगाने के बाद पाकिस्तानी सेना ने चीन के हेलीकॉप्टर '10-एमई' को ख़रीदने के बारे में सोचना शुरू किया.

चीन के रक्षा उद्योग ने ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लिए और बेचने के लिए तैयार किया था. 'ज़ेड 10-एमई' लड़ाकू हेलीकॉप्टर बुनियादी तौर पर टैंक को तबाह करने और हवा में युद्ध के लिए इस्तेमाल होता है.

ब्रिगेडियर (रि.) फ़ारूक़ हमीद के मुताबिक़ ये कहना कि चीन की टेक्नोलॉजी पश्चिमी टेक्नोलॉजी से कमतर है यह अब पुरानी बात हो चुकी है.

वो कहते हैं, "बीते 15 सालों से चीन की एविएशन तकनीक में अच्छा ख़ासा विकास हुआ है और अब ये उतनी ही अच्छी है जितनी की पश्चिमी तकनीक."

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